Thursday, 1 September 2016

हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना

हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
अगर फेसबुक न होता तो,
हम जैसो का तो नाम ही न होता
गुमनामी के अन्धेरे में खो जाता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
इतने मित्रो का अम्बार न होता
इंसान अकेला जीवन जीता
किसी को कोई पहचान न पाता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
किसी के चुटकुले,सुविचारों का
आदान-प्रदान भी न होता
मस्तिष्क का विकास न होता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
खोये हुए व्यक्ति और पशु का अपना
घर कैसे मिलता
वो इधर उधर ही भटकता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
राजनीतिक हलचल का पता कैसे चलता
तो चुनाव प्रचार,प्रसार भी न होता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
घरेलू नुस्खों का पता कैसे चलता
किसी रोग का निवारण कैसे होता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना

जन्म तो तुम दे ही देना

जन्म तो तुम दे ही देना
एक बिटिया करे
अपनी माँ से गुहार
जन्म तो तुम दे ही देना अबकी बार 
क्यों कि जीने का तो मेरा भी अधिकार
तुमने भी तो जन्म लिया था
तुम्हे भी तो भरपूर प्यार मिला था
पाल पोस कर बड़ा किया था
फिर क्यों मुझे जन्म देने में
इतनी हो उदास
एक बिटिया करे
अपनी माँ से गुहार