Tuesday, 29 December 2015

नारी तुम सबला हो

नारी तुम सबला हो

नारी तुम अबला नहीं
    तुम सबला हो
तुम्ही हो सृष्टि की रचियता
     तुम ही ने इस घर को स्वर्ग बनाया
नारी तुम अपने अस्तित्व  को पहचानो

तुम ही शक्ति तुम ही चंडी
     असुरो का रक्त बहाकर 
तुमने ही इतिहास रचा है
     इस सच्चाई का स्मरण करो
नारी तुम अबला नहीं
     तुम सबला हो

तुम ही माता तुम ही पत्नी
     तुम ही पुत्री तुम्ही बहना हो
तुम्ही ने अनेक रिश्तो का नाम दिया है
     तुम खुशियों का एक विशाल प्रकाश पुंज हो
नारी तुम अबला नहीं
     तुम सबला हो

Thursday, 3 December 2015

किताबे नहीं तो कुछ भी नहीं

किताबे नहीं तो कुछ भी नहीं 


किताबे नहीं तो कुछ भी नहीं
     किताब न हो तो कैसे हो बुद्धि का विकास
कैसे हो तार्किक विकास
     कैसे सीखें जिंदगी जीना
किताबे नहीं तो कुछ भी नहीं
     किताबे ले जाती हैं वास्तविक दुनिया के करीब
मोबाइल पे हो जाते निर्भर तो कैसे हो शब्दों का ज्ञान
     किताबो के प्रति दिलचस्पी न हो तो
कैसे हो व्यक्तित्व का विकास
     किताब सिखाती तरक्की की रह
किताब न हो तो कैसे हो कल्पना, बौद्धिक विकास
     किताबे नहीं तो कुछ भी नहीं