डायरी से शायरी
"वादा करो
अगर हाथ थामा है तो
तो ता उम्र हाथ न छोड़ोगे
बीच राह में तो,
न छोड़ के जाओगे
ख़ुशी में तो सभी
साथ देते है,
वादा करो
गम में भी साथ निभाओगे "
"अगर किसी को मुकम्मल
जहाँ मिले,
तो उसकी जिंदगी में
बहार आ जाए
अगर रुक गई है जिंदगी
तो फिर से चल पड़े
अगर किसी को हम जुबाँ मिले
तो बातो का सिलसिला
यूं ही चलता रहे
कोई गिला शिकवा ही न रहे "
"लोग कहते है कि
इश्क़ एक रोग है
यह एक लाइलाज बीमारी है
लेकिन इश्क़ का इलाज इश्क़ ही है"
अगर हाथ थामा है तो
"वादा करो
अगर हाथ थामा है तो
तो ता उम्र हाथ न छोड़ोगे
बीच राह में तो,
न छोड़ के जाओगे
ख़ुशी में तो सभी
साथ देते है,
वादा करो
गम में भी साथ निभाओगे "
"अगर किसी को मुकम्मल
जहाँ मिले,
तो उसकी जिंदगी में
बहार आ जाए
अगर रुक गई है जिंदगी
तो फिर से चल पड़े
अगर किसी को हम जुबाँ मिले
तो बातो का सिलसिला
यूं ही चलता रहे
कोई गिला शिकवा ही न रहे "
"लोग कहते है कि
इश्क़ एक रोग है
यह एक लाइलाज बीमारी है
लेकिन इश्क़ का इलाज इश्क़ ही है"
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