Tuesday, 13 October 2015

हँसाना मेरा काम

हँसाना मेरा काम

                                     हँसाना मेरा काम
लोगो को परम आनन्द दिलाना
हँसने-हँसाने से शोक,रोग भय सब मिट जाता
उदास मन फूलों की तरह खिल जाता
उठते ही जो मुस्कुराता
आलस्य उबासी तन की दूर भगाता
हँसाना मेरा काम
लोगो को परम आनन्द दिलाना
हँसने से शरीर हष्ट पुष्ट हो जाता
हँसने-हँसाने से प्रेम सदभाव बढ़ जाता
कैसे है वो लोग जिनको हँसना नहीं आता
हमने तो ये ठान लिया
जब तक है तन में प्राण
तब तक हँसाना मेरा काम
लोगो का परम आनन्द दिलाना

रक्त दान

रक्त दान



हर धर्म का यही है कहना
रक्त दान है महादान
ईश्वर ने सभी को बनाया एक जैसा
सबका रक्त है लाल
आज आप का रक्त दान
कई पीढ़ियों तक आता काम
रक्त देने से कभी पीछे रहना
यही भावना जन-जन में है जगाना
रक्त का एक-एक कण है अनमोल
ये जीवन की करती है रक्षा
हर धर्म का यही है कहना
रक्त दान है पावन कार्य
रक्त दान है महादान

स्वदेशी ही अपनाना

स्वदेशी ही अपनाना


२०१५ की दुनिया
यह उस समाज का किस्सा
जहाँ ३० मिनट में आता है पिज्जा
दो सेकेंड में होटल बुक हो जाता
विदेशी चीजों का है बोल-बाला
देश का स्वाभिमान तिल तिल पिस रहा
हमें सबसे यही है कहना
स्वदेशी वस्तुओ को ही अपनाना
अपने देश का स्वाभिमान है बचाना
जिससे हम शान से कह सकें
यह भारत देश हमारा है

Thursday, 1 October 2015

राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी

राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी

न तलवार की धार 
न बरछी न कटार
बिना हिंसा के दिला दी  आजादी
वे थे हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी
सादा जीवन था उनका 
विचार आसमान से भी उँचा
कभी न झुकने वाला मस्तक
हाथ में एक मोटी लाठी 
चाल थी सबसे निराली 
कभी हिम्मत न हारे गॉंधी
प्यार से सभी कहते थे बापू 
स्वछता का पाठ पढ़ाते बापू 
ऐसे थे हमारे प्यारे बापू