हुस्न है बेजोड़
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे चाँद कह दे
तो उसमे भी दाग है
अगर हम सूरज कह दे
तो उसमे भी आग है
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे फूल कह दे
तो वो भी मुरझा जाते है
अगर हम तुम्हे ओस की बूंद कह दे
तो वो भी बिखर जाते है
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे महकता गुलशन कह दे
तो वो भी पतझड़ में उजड़ जाते है
तेरा हुस्न तो है बेजोड़
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे चाँद कह दे
तो उसमे भी दाग है
अगर हम सूरज कह दे
तो उसमे भी आग है
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे फूल कह दे
तो वो भी मुरझा जाते है
अगर हम तुम्हे ओस की बूंद कह दे
तो वो भी बिखर जाते है
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे महकता गुलशन कह दे
तो वो भी पतझड़ में उजड़ जाते है
तेरा हुस्न तो है बेजोड़
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