Thursday, 27 October 2016

दीपावली का सन्देश

दीपावली का सन्देश 
अगर अपने देश से करते हो प्यार 
तो चाइनीज बस्तुओ का करो बहिस्कार 
धरा के कोने कोने को दियो से
जगमग जगमग कर दो 
लेकिन चीन की लड़िया न लगाओ
अगर अपने देश से.........
उन्होंने हमारे देश को लूटा है
हमारे पीठ पर खंजर भोंका है
उन्हें तुम भी सबक सिखाओ
स्वदेशी बस्तुओ को अपनाओ
अगर अपने देश से..............

Thursday, 1 September 2016

हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना

हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
अगर फेसबुक न होता तो,
हम जैसो का तो नाम ही न होता
गुमनामी के अन्धेरे में खो जाता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
इतने मित्रो का अम्बार न होता
इंसान अकेला जीवन जीता
किसी को कोई पहचान न पाता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
किसी के चुटकुले,सुविचारों का
आदान-प्रदान भी न होता
मस्तिष्क का विकास न होता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
खोये हुए व्यक्ति और पशु का अपना
घर कैसे मिलता
वो इधर उधर ही भटकता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
राजनीतिक हलचल का पता कैसे चलता
तो चुनाव प्रचार,प्रसार भी न होता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना
घरेलू नुस्खों का पता कैसे चलता
किसी रोग का निवारण कैसे होता
हे: फेसबुक तुम सदा ही रहना

जन्म तो तुम दे ही देना

जन्म तो तुम दे ही देना
एक बिटिया करे
अपनी माँ से गुहार
जन्म तो तुम दे ही देना अबकी बार 
क्यों कि जीने का तो मेरा भी अधिकार
तुमने भी तो जन्म लिया था
तुम्हे भी तो भरपूर प्यार मिला था
पाल पोस कर बड़ा किया था
फिर क्यों मुझे जन्म देने में
इतनी हो उदास
एक बिटिया करे
अपनी माँ से गुहार

Tuesday, 23 August 2016

कब आओगे श्याम

कब आओगे श्याम

कलयुग में कब आओगे श्याम
गौए भी तुम्हे याद करती है
वन-वन में धेनु चराने कब आओगे श्याम
कलयुग में कब आओगे श्याम
सावन भी हर साल आते है
सूखी वर्षा बरसाते हैं
अमृत की वर्षा कब बरसाओगे श्याम
कलयुग में कब आओगे श्याम
भारत में आतंकी साये हैं
आफत की घटाए हैं
भारत में शांति दिलाने कब आओगे श्याम
गीता का पाठ सुनाने कब आओगे श्याम
कलयुग में कब आओगे श्याम

Saturday, 13 August 2016

    झंडा ऊँचा सदा रहा है
                                           -----------------------
                                झंडा ऊँचा सदा रहा है,सदा रहेगा
                                        न कभी झुका है न कभी झुकेगा
                                सबके मन को लुभाने वाला
                                        सफ़ेद रंग मन को शांति देने वाला
                                आँखों को सुकून देने वाला
                                          इसमें कोई दाग न लगने देना
                                झंडा ऊँचा सदा रहा है,सदा रहेगा

                             हरा रंग समृद्धि देने वाला
                                        सबके मन को उल्लसित करने वाला
                             हरियाली का एहसास करने वाला
                                        इसकी शान हमेशा कायम रखना
                                झंडा ऊँचा सदा रहा है,सदा रहेगा

                           केसरिया रंग त्याग बलिदान
                                      कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देने वाला
                            सबके मन में जोश भरने वाला
                                      हमेशा लहर लहर लहराए तिरंगा
                            झंडा ऊँचा सदा रहा है,सदा रहेगा
                                        न कभी झुका है न कभी झुकेगा   

Friday, 12 August 2016

                                                              डायरी से शायरी

अगर हाथ थामा है तो


"वादा करो
          अगर हाथ थामा है तो
          तो ता उम्र हाथ न छोड़ोगे
बीच राह में तो,
           न छोड़ के जाओगे
ख़ुशी में तो सभी
            साथ देते है,
वादा करो
            गम में भी साथ निभाओगे "



"अगर किसी को मुकम्मल
                          जहाँ मिले,
तो उसकी जिंदगी में
                      बहार आ जाए
अगर रुक गई है जिंदगी
                  तो फिर से चल पड़े
अगर किसी को हम जुबाँ मिले
            तो बातो का सिलसिला
यूं ही चलता रहे
       कोई गिला शिकवा ही न रहे "




 "लोग कहते है कि
                    इश्क़ एक रोग है
 यह एक लाइलाज बीमारी है
      लेकिन इश्क़ का इलाज इश्क़ ही है"

Wednesday, 27 July 2016

याद

                                      याद 

                                     '' अतीत की अच्छी यादो को
                                                 ह्रदय में सहेज कर रखना
                                     अतीत की कड़वी बातों को
                                                 कभी याद मत करना
                                     उसे थोथा समझ उड़ा देना
                                                 अच्छी यादें ही देती है हौसला
                                    पुनः जीने का बनती है सहारा ''   

Saturday, 16 July 2016

रैन बसेरा

रैन बसेरा

शाम का झुट पुटा था
संध्या रानी के साथ
सूरज रंगो की होली खेल कर
पश्चिम की घाटी में छिप  रहा था
पक्षी,अपने अपने रैन बसेरो में
जाने को आतुर हो कर
बड़े जोर शोर से चहक-चहक कर
पेड़ पौधों को कर रहे थे गुंजारित
अपने संगी-साथी के साथ
रात बिताने को आतुर
रैन बसेरा होता है कितना सुखदायी

प्रिय तुम क्यों चली गई

प्रिय तुम क्यों चली गई

प्रिय तुम क्यों चली गई
मुझे तन्हा छोड़ कर
ता उम्र साथ रहने का वादा किया
उस वादे का क्या हुआ
अकेले घर की दीवार भी लगती है काटने
घर के कोने भी लगते हैं सिसकने
खिड़की दरवाजे भी रहते है खामोश
ये हवाए भी आग उगलती है
प्रिय तुम क्यों चली गई
मुझे इस विरह की आग में जलने को
तुम्हारी याद में ये बेजान चीजे भी है  तड़फाती
जीवन में बड़ा अधूरा पण लगता है
सब सूना-सूना लगता है
प्रिय तुम क्यों चली गई
हमारी दुनिया विरान कर गई
ऐसी कौन गलती हुई
जो मुझे इतनी बड़ी सजा मिली
यही मुझे ईश्वर से है शिकायत
प्रिय तुम क्यों चली गई
मुझे भी अपने पास बुला ले
जिससे मुझे भी सुकून मिले

हुस्न है बेजोड़

हुस्न है बेजोड़

तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे चाँद कह दे
तो उसमे भी दाग है
अगर हम सूरज कह दे
तो उसमे भी आग है
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे फूल कह दे
तो वो भी मुरझा जाते है
अगर हम तुम्हे ओस की बूंद कह दे
तो वो भी बिखर जाते है
तेरे हुस्न की क्या बात कहे
हुस्न तो है बेजोड़
अगर हम तुम्हे महकता गुलशन कह दे
तो वो भी पतझड़ में उजड़ जाते है
तेरा हुस्न तो है बेजोड़

प्रकृति की शरारत

प्रकृति की शरारत

सावन का महीना
कभी धूप कही छाँव
कभी गर्मी कभी सर्दी
इसी बीच अचानक
घनघोर घटा छा गई
बादल आ कर बरस गया
मेरे तन मन को भिगो गया
यह सब देख सूरज मुस्कराया
बादलों के बीच से सूरज निकल आया
अपनी तपती धूप से
सबको झुलसा गया
सूरज की इस शरारत पर
 पवन को दया आयी
उसने अपने मन्द-मन्द झोको से
मेरे मन को आनंदित किया
यह देख मैं दंग रह गई
और देखती  रह गई प्रकृति
के इस शरारत को  

लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग बार बार अभ्यास

लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग बार बार अभ्यास

लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग है
बार- बार अभ्यास
सफलता का राज है
बार- बार अभ्यास
हमें मिलती है ताकत
सही अभ्यास से
किसी भी उपलब्धि तक पहुँचने में
सहायक होता है अभ्यास
किसी भी चीज को जीवन में
उतार सकता है बार-बार अभ्यास
असम्भव को सम्भव कर दे अभ्यास
मंजिल तक पहुँचने का मार्ग है
बार- बार अभ्यास

Tuesday, 12 July 2016

बेटी

बेटी 
वो आँगन है सूना 
जहाँ होती नहीं है बेटी 
वो लोग बदनसीब है 
जिनके होती नहीं है बेटी 
सुबह की किरण है बेटी
फूलों की मुस्कान है बेटी
वो लोग बदनसीब है
जिनके होती नहीं है बेटी
ओश की बून्द है बेटी
घर की बुनियाद है बेटी
अनेक रिश्तों का नाम है बेटी
दोनों कुल का लाज रखती है बेटी
भ्रूण हत्या मत करो कहती है बेटी
वो आँगन है सूना ........

Saturday, 23 April 2016

एक बार तो अपने मन की सुन लो

एक बार तो अपने मन की सुन लो


एक बार तो अपने मन की सुन लो
एक बार तो अपनी जिंदगी जी लो 
हिदायतों की खड़ी दीवार गिरा दो 
         कभी मन करे पागल हवा की तरह घूमना 
तितलियों की तरह इतरा-इतरा  पंख हिलाना,
         चिड़ियों की तरह चहचहाना,
कोई बंदिश नहीं,कोई अंकुश नहीं
 एक बार तो अपने मन की सुन लो
एक बार तो अपनी जिंदगी जी लो 
       सहेलियों के साथ मस्ती करना 
पिकनिक,पार्टी.सैर 
       कोई डर नहीं,कोई शर्म नहीं,न झिझक 
एक बार तो अपने मन की सुन लो
एक बार तो अपनी जिंदगी जी लो 

Wednesday, 13 April 2016

आयुर्वेद में टमाटर

आयुर्वेद में टमाटर

हरे लाल लाल टमाटर
     इससे कोई दूसरा  फल और सब्ज़ी
नहीं ले सकता टक्कर
     जितना सेब में है गुण
उसी बराबर इसमें गुण
     जब भी खरीदने जाये टमाटर
लाल लाल ही लाये टमाटर
     क्यूंकि इसमें बीटा केरोटीन,लिकोपिन
की मात्रा होती है भरपूर
     सलाड खाए या जूस सूप पिए
यह हर रूप में आपको रखें तंदरुस्त
     हृदय रोग और मधुमेह
सभी रोगो से रखे दूर
     आयरन विटामिन सी से भरपूर
इससे कोई दूसरा  फल और सब्ज़ी
     नहीं ले सकता टक्कर
हरे लाल लाल टमाटर

योग बदल देगा जीवन

योग बदल देगा जीवन

हमको इतना है विश्वास
     अगर लोगो ने अपनाया योग
दिन उनका होगा सुन्हेरा
     जीवन उनका बदल जाएगा
लोगो ने जीवन शैली ही दिया बदल
     रात में देर से खाना, देर से सोना
खूब होता मदिरा का सेवन
     सुबह की प्रथम किरण को गए है भूल
टहलना भी तो गए है भूल
     इसीलिए किसी को शुगर
किसी को जोड़ो का है दर्द
     किसी का पाचन तंत्र है बिगड़ा
सब कुछ हो गया उल्टा पुल्टा
     लेकिन हमको इतना है विश्वास
अगर लोगो ने अपनाया योग
     उनका जीवन बदल जाएगा
सभी रोगो से मिलेगा छुटकारा
     योग से होता मस्तिष्क मजबूत
मासपेशियों को कर देता मजबूत
     हमको इतना है विश्वास
अगर लोगो ने अपनाया योग
     जीवन उनका बदल जाएगा
फिर दिन उनका होगा सुन्हेरा

Thursday, 17 March 2016

जाये तो जाये कैसे

जाये तो जाये कैसे

रंग बिरंगी होली आई
     रिश्तेदार और दोस्त है बहुत दूर
उनसे रंग खेलने की इच्छा हुई
     उनके पास जाये तो जाये कैसे
ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं
     किसी तरह पहुंच भी जाये
तो रिश्तों नातो में प्रेम कहाँ से लाए
     इस लिए रंग-गुलाल चढ़ता नहीं
हवाओ में उमंग नहीं
     मिठाई में मिठास नहीं
चेहरे खिले नहीं,खुशियाँ बटी नहीं
      दोस्तों- रिश्तो में उतना प्रेम नहीं
जाये तो जाये कैसे                                             

Friday, 19 February 2016

हुश्न पहाड़ो का

हुश्न पहाड़ो का 
हुश्न पहाड़ो का 
मौसम है जाड़ों का 
मौसम है स्वेटर पहनने का 
बर्फ यहाँ जब पड़ती है 
जैसे पृथ्वी सफ़ेद चादर से लिपटी है
जल और थल में
अवनी और अम्बर तल में
स्वच्छ चाँदनी फैली है
बड़ा ही बिहंगम दृश्य है
यह देख मन मयूर नाच उठता है
हर समय यही देखने का जी करता है
इस अनमोल शीत ऋतु का
बार बार अभिनन्दन

देशद्रोहियों सुनो

देशद्रोहियों सुनो
अगर तुम में थोड़ी भी शर्म है
तो देश द्रोही नारे बंद करो
अगर तिरंगे का अपमान करोगे
अफजल की तरह मारे जाओगे 
देश द्रोहियों जिस थाली में कहते हो
उसी में छेद करते हो
तुम्हे जीने का कोई हक़ नहीं
तुम फांसी पर लटका दिए जाओगे

Wednesday, 6 January 2016

शब्दों की कोई सरहद नहीं होती


शब्दों की कोई सरहद नहीं होती
शब्द एक देश से दूसरे देश बिना रोक टोक जाती
शब्द सात समंदर से आते है
इन्ही शब्दों से एक रचना बन जाती
जो कविता कहलाती है
शब्दों की कोई सरहद नहीं होती
बिना रोक टोक आती जाती है
शब्द ही है जो सदियों तक यूँ ही चलते
बिना किसी रुकावट
बिना किसी झिझक के
शब्दों की कोई सरहद नहीं होती
शब्द एक ठंडी हवा  की तरह है
जो सबको सराबोर कर  देती है
शब्द जात-पात नहीं देखती
वो सबसे जुड़ जाती है
शब्दों की कोई सरहद नहीं होती